1. मैं डूब के उभरा तो बस इतना ही देखा है,
औरों की तरह तू भी किनारे पे खड़ा था..
2. चलो छोडो यार!मुहब्बत के फसाने,
ये बताओ बेवफ़ाई का बाजार कैसा हैं..
3. बेवजह तो खामोश नही है जबान ,
कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जो आवाज भी छींन लिया करते हैं ..
औरों की तरह तू भी किनारे पे खड़ा था..
ये बताओ बेवफ़ाई का बाजार कैसा हैं..
कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जो आवाज भी छींन लिया करते हैं ..