SAD Shayari 2018
Sad Shayari,
Hansne Ki Ijazat Na Mili
Nafratein Lakh Mili Par
Mohabbat Na Mili,
Zindagi Beet Gayi Magar Rahat Na Mili,Teri Mehfil Mein Har Ek Ko Hansta Dekha,Ek Main Tha Jise Hasne Ki Ijazat Na Mili.नफरतें लाख
मिलीं
पर
मोहब्बत
न मिली,ज़िन्दगी बीत
गयी
मगर
राहत
न मिली,तेरी महफ़िल
में
हर
एक
को
हँसता
देखा,एक मैं
था
जिसे
हँसने
की
इजाज़त
न मिली।
Bas Do Hi Sabak Yaad Huye,
Kuchh Tum Jaise Aabaad Huye,
Kuchh Hum Jaise Barbaad Huye.
इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए।
SadShayari
कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करतें है।
ऐ बेवफा सांस न लूँ तो भी मेरी जान जाती है,
मैं कैसे कह दूं कि बस मैं सांस से जिंदा हूँ,
ये सांस भी तो तेरी याद आने के बाद आती है।
Bas Do Hi Sabak Yaad Huye,
Kuchh Tum Jaise Aabaad Huye,
Kuchh Hum Jaise Barbaad Huye.
इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए।
Tum Se Bhi Ho Sake Toh Na Aana Khayal Mein.
अब तुम को भूल जाने की कोशिश करेंगे हम
तुम से भी हो सके तो न आना ख़याल में।
तुम हमारे किसी तरह न हुए – sad shayari
तुम हमारे किसी तरह न हुए ,
वर्ना दुनिया में क्या नहीं होता ।
अर्श पर बनी जोड़ियां ही मुकमम्ल होती है जनाब,
किसी
मोहब्बत की कश्ती में (In the Ship of Love)
सोच समझ कर सवार होना मेरे दोस्त,
जब ये चलती है तो किनारा नहीं मिलता,
और जब डूबती है तो सहारा नहीं मिलता.
Bas Do Hi Sabak Yaad Huye,
Kuchh Tum Jaise Aabaad Huye,
Kuchh Hum Jaise Barbaad Huye.
इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए।
SadShayari
कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करतें है।
ऐ बेवफा सांस न लूँ तो भी मेरी जान जाती है,
मैं कैसे कह दूं कि बस मैं सांस से जिंदा हूँ,
ये सांस भी तो तेरी याद आने के बाद आती है।
Bas Do Hi Sabak Yaad Huye,
Kuchh Tum Jaise Aabaad Huye,
Kuchh Hum Jaise Barbaad Huye.
इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए।
Tum Se Bhi Ho Sake Toh Na Aana Khayal Mein.
अब तुम को भूल जाने की कोशिश करेंगे हम
तुम से भी हो सके तो न आना ख़याल में।
तुम हमारे किसी तरह न हुए – sad shayari
तुम हमारे किसी तरह न हुए ,
वर्ना दुनिया में क्या नहीं होता ।
अर्श पर बनी जोड़ियां ही मुकमम्ल होती है जनाब,
किसी
मोहब्बत की कश्ती में (In the Ship of Love)
सोच समझ कर सवार होना मेरे दोस्त,
जब ये चलती है तो किनारा नहीं मिलता,
और जब डूबती है तो सहारा नहीं मिलता.
ऐ बेवफा सांस लेने से तेरी याद आती है,
Nafratein
Lakh Mili Par Mohabbat Na Mili,
Zindagi Beet
Gayi Magar Rahat Na Mili,
Teri Mehfil
Mein Har Ek Ko Hansta Dekha,
Ek Main Tha
Jise Hasne Ki Ijazat Na Mili.
नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली,
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा,
एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली।
Iss Mohabbat Ki Kitaab Ke,
Ab TumKo Bhool Jaane Ki
Koshish Karenge Hum,
Sad
shayari
मोहब्बत की कश्ती में (In the Ship of
Love),